<> sajjano-ke-virrudh-nahi-jana-chahiye

सज्जन पुरुष के विरुद्ध नहीं चलना चाहिए-sajjano ke virrudh nahi jana chahiye-one should not go against a gentleman

।। सतां मतं नातिक्रमेत्।।

 सज्जन पुरुष जो निर्णय लेते है उसके विरुद्ध कार्य करना उचित नही अर्थात सत्पुरूषो के विरुद्ध चलना मनुष्य का कर्तव्य नही।आखिर क्यो सज्जन पुरुष  के विरुद्ध नहीं चलना चाहिए।

sajjan purusho ke virrudh nahi chalana chahiye

मनुष्य अपने विवेक से अपने कर्तव्य का निश्चय करता है। कर्तव्य और अकर्तव्य के संबन्ध मे जब कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसके करने मे उसका अपना विवेक हि सहायक होता है। परंतु जब मनुष्य निश्चय न कर पाए तो उसे यह देखना चाहिए कि सज्जन पुरुष अथवा विद्वान पुरुषो ने ऐसी स्थिति मे क्या निर्णय लिए। तब उस निर्णय के अनुसार काम करना चाहिए।

उस समय उसका कर्तव्य होता है कि वह सज्जनो द्वारा उन सीमाओ मे रहे जो उन्होने निश्चित की है। उनके द्वारा निर्धारित सीमाओ मे बाहर जाना और उनका उल्लंघन करना उचित नहीं।

 

 

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By Bharat

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